1 क्रूस ही के पास जहाँ खून बहा,
दबके गुनाहों से मैं गया,
खून से वहा ये दिल साफ हुआ
उसकी हो तारीफ़।
कोः- उसकी हो तारीफ,
उसकी हो तारीफ
खून से वहा ये दिल साफ हुआ,
उसकी हो तारीफ़।
2 दूर है गुणाह मेरे बिन यकीन,
दिल मे अब है यीशु तख्त नशीन,
क्रूस ही का गीत मुझको है शीरीन,
उसकी हो तारीफ।
3 क्रूस का वह चश्मा है बेश-बहा,
खुश हूँ कि मै उसके पास गया,
खूब मुझको यीशु ने साफ़ किया,
उसकी हो तारीफ।
4 आ देख ये चश्मा है साफ सफ्फा
आ ताकि हो तेरे गुणाह मुआफ,
आ इसी वक्त अभी होक तू साफ
उसकी हो तारीफ़।