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यीशु बुलाता तुम्हें

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SongInstrumental

यीशु बुलाता तुम्हें, गर तुम आके झुको, पाओगे शान्ति आराम, जीवन मिलेगा तुम्हें। 1. वह जीवन जल का सोता है, तुम को दुख क्यों होता है, मन की प्यास बुझाने को, जीवन जल पिलाता तुम्हें। 2. वो जीवन की रोटी है, फिर क्यों आत्मा रोती है, मन की भूख मिटाने को, जीवन रोटी खिलाता तुम्हें। 3. दुख संकट में रहता साथ, भय के समय वो थामे हाथ, खतरों से हमको बचाने को, वही मार्ग दिखलाता है।