पश्चाताप करूं मैं माफ करो,
अपने लहू से साफ करो,
हर दाग गुनाह के मेरे,
प्रभु अपने ही लहू से साफ करो।
1. अपराध जो मैंने अब तक किए,
वे तुझसे नहीं छिपे है प्रभु,
हर पाप जो मैंने छुपके किए,
वे सम्मुख तेरे खुले है प्रभु,
आता पास न मुझको दूर करो,
मेरे हाल पर दया करो।
2. टूटा मन लेकर जो पास आए,
वो तुच्छ नहीं है तेरे लिए,
जो मानकर पाप उन्हें छोड़ भी दे,
तू दया है करता उसके लिए,
टूटा मन मेरा स्वीकार करो,
सपनों को मेरे साकार करो।
3. जीवन का बड़ा ही लम्बा सफर,
कैसे पहुंचू मैं तेरे पास उधर ?
आंधी तूफान से घिरी है डगर,
ना समझ कि मैं जाऊं किधर ?
ये सफर मेरा आसान करो,
प्रभु आके बेड़ा पार करो।