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कबर का पत्थर लुढ़का

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SongInstrumental

कबर का पत्थर लुढ़का, पाप के बन्धन टूटे, जैसा वचन में लिख था, वैसे प्रभु जी उठे। 1 मरीयम जब कबर पे आई, देखा प्रभु वहाँ पर ना थे, भयभीत हुई जब देखा, दो दूत वहाँ बैठे थे, कहते थे वो जीवित को, क्यों कबर में ढूंढ रही हो, प्रभु आज जी उठे। 2 फिर बहनों ने जा जाके, चेलों को सबको बताया, पतरस प्यारा चेला था, वह दौडकर कबर पे आया, उसने देखा खाली थी कबर, प्रभुजी वहाँ पर ना थे, हूआ क्या ये सोच के लौटे। 3 यह सच था वह जिन्दा था, इम्माऊस की राह मिला था, चेलों के बीच भी जा के, शान्ति का दान दिया था, यह संदेश है उद्धार का, आओ और कबर को देखो, प्रभु सचमुच जी उठे।