Return to Index

56

57

बोलो जय मिलकर जय

58
SongInstrumental

बोलो जय मिलकर जय बोलो जय यीशु की जय (2) बोलो जय जय जय। 1 प्रेम की तेरी यही रीत, मन में भर दे अपनी प्रीत, तेरे प्रेम के गाऐं गीत। 2 क्रूस पर अपना खून बहा, मुझ पापी को दी शिफा, मन मेरे तू बोल सदा। 3 तेरी कुदरत की यह शान, खुद ही दाता खुद ही दान, पूरे कर मन के अरमान। 4 खिदमत अपनी ले मुझसे, इस मन्दिर में तू ही बसे, जग में तेरा नाम रहे।