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543उठ हे जवान पहचान ले |
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Song | Instrumental |
उठ हे जवान पहचान ले, अपनी दशा को जो है तेरी। (2) 1. पहला सा प्रेम याद कर, तुझको जो प्रभु से था (2) मन फिर और लौट आ, अपार मेरी दया है। 2. कष्टों को जो तू झेल रहा है, छुपा नहीं प्रभु से (2) अश्कों में क्यों डूबा हुआ, प्रभु है तेरा सहारा। 3. किया था आरंभ आत्मा से, अंत कहाँ करेगा ? (2) किसने तुझको मोह लिया, प्रभु आज पुकारे।