1 शून्य से ले के तूने मुझे,
रच लिया अपने ही रूप में
प्रेम किया है अनंत प्रेम से
दिया पुत्र मेरी मुक्ति के लिए।
कोः- अनोखा प्यार है तेरा
करूँगा स्तुति तेरी मैं सर्वदा।
2 जग में आया यीशु स्वर्ग छोड़ के
मेरा सारा दण्ड सह लिया उसने,
कोड़े खाके क्रूस उठाकर यीशु ने
मुझे मुक्ति और चंगाई दे दी है।
3 अन्न वस्त्र और सभी आशिषें,
दी मुझे उसने भरपुरी से,
खतरों और सभी मुसीबतों से
आंख की पुतली जैसे संभाला मुझे।
4 अविनाशी अनंत मीरास,
धन्य संगति यीशु के साथ
स्वर्ग में धन्य है आपके संतान
पाऐंगें यीशु से जलाली ताज।