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चढ़ाता हूं मैं धन्यवाद प्रभु

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SongInstrumental

चढ़ाता हूं मैं धन्यवाद प्रभु क्रूस के उस प्रेम के लिये, मारा गया और गाड़ा गया था जी उठा मेरे लिये । 1 काँटों का ताज पहिना तूने सिर पर हाथ पाँव ठोके क्रूस पर तेरे, हुआ था बलि मेम्ने की नाई सहा सब मेरे लिए । 2 दुःख सहा तू ने कि शाँति मैं पाऊॅं क्रूस पर चढ़ा कि पाऊँ मुकुट, मरण को सहा मैं जीवन पाऊँ कैसा प्रेम मेरे लिए । 3 देखता हूँ महिमित स्वर्ग मेरा न पाया गुण से यह मेरे, खुशी के आंसू के साथ भजूं मैं यह सब दान मेरे लिए । 4 घृणित पाप से करता हूँ घृणा क्रूस पर वह हो गया है दूर, लगाओ सिंहासन मेरे हृदय में गाऊं मैं तेरे लिए ।