नम्र नमन प्रभुजी, रहमत से
रक्षा किया पुरा दिन
प्रसन्न दिल से धन्यवाद करता हूं
प्रेमी पिता मैं सदा।
2 सारी जरूरी चीजें रोटी
वस्त्र सुख व सेहत भी,
रोज देकर दया से तृप्त किया
पालनहार प्रभुजी।
3 चारों तरफ आज भी
हजारों लोग दुख व तकलीफ में है,
तेरे दास को खुशियाँ भरपूर दिया
स्वर्गीय पिता धन्य है।
4 मेरी सारी कमियां जानकर भी
हमेशा प्रेम किया! मालिक,
गुणाह सारे माफ करना,
पापियों की आशा सिर्फ तू है मसीह।
5 जब खुदा मेरा रक्षक,
जागते हुए अच्छी तरह संभालता,
तब विरोधी या संसार नहीं करते
बाधा लाने की हिम्मत।
6 शांति से प्रभु तेरी, हजूरी में
निश्चिन्त मैं विश्राम करूँ,
भोर को जागूँ दयावान हर्षित तेरी
दिव्य शोभा देख सकूँ।