निर्बल कम्जोर है तू, जाग और प्रार्थना कर,
मुझ पर आसरा रखो मैं तेरा सब कूछ हूँ ।
कोः- ऋण जो मेरा था, सब चुका दिया,
पाप के गहरे दागों से, मसीह ही करता साफ।
1 प्रभु तेरा सामर्थ, वर्णन से है अपार,
कोड़ी घाव और कठोर दिल, केवल तू बदलता है ।
2 कुछ भी ठीक नहीं था,
सिवाय तेरा अनुग्रह,
मैले चिथडे़ हुए साफ मेंम्ने के पाक लहू से ।
3 सिंहासन के सामने सिद्ध मुझे रख सकूं,
तो मैं कैसे चुप रहूं, मेंम्ने के ही गीत गाऊँ।