मैं हूं मसीही और रहूंगा भी,
जब तक ना सूरज चाँद टले,
मैं हूं मसीही दूगा गवाही
दुनिया सब मुझ पर गर हंसे,
मैं हूं मसीही छाप मुझ पर उसकी
उसी ने क्रूस पर बहाया खून,
मैं हूं मसीही यह मेरी खुशी
खरीदा उसने मैं उसका हूं।
2 मैं हूं मसीही क्या ही अजीब है
एक गुनाहगार हूं जो बच गया,
मैं हूं मसीही सामने सलीब है
यीशु के पीछे मैं चलूंगा,
गर झगड़े होवे लोग उसको छोड़े
सब शक और डर से मैं लड़ूगा,
रूह के कलाम से मसीह के नाम से,
गुनाहों पर फतह पाऊंगा।
3 मैं हूं मसीही यह कैसा गीत है,
जो दिल में मेरे आज उठता है,
यह वह आनन्द है ना रस्म ओ रीत है,
रूह उसका मुझमें रहता है,
मैं हूं मसीही मौत से क्यों डरूं
जब मेरा वक्त यहां आ पहुंचे
गाते हुए मैं यह दुनिया छोड़ूगा
यीशु मुझे कबूल करेगा।