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205मसीहा तेरी रहमत का |
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Song | Instrumental |
मसीहा तेरी रहमत का सहारा मुझको चाहिये, मेरी कश्ती भँवर में है किनारा मुझको चाहिये । 1 भटकती जा रही है ज़िन्दगी अनजान राहों में, मसीहा मेरी मंजिल का इशारा मुझको चाहिए। 2 ना जाने कब कहाँ पर जिन्दगी की शाम हो जाए, मेरी तकदीर का रौशन सितारा मुझको चाहिए।