सारी सृष्टि के मालिक तुम्हीं हो,
सारी सृष्टि के रक्षक तुम्हीं हो,
करते है तुझको सादर प्रणाम,
गाते हैं तेरे ही गुणगान।
कोः- हा- हा हाल्लेलूयाह (7) आमीन।
1 सारी सृष्टि को तेरा सहारा,
सारे संकट से हम को बचाना
तेरे हाथों में जीवन हमारा है,
अपनी राहों पर हमको चलाना।
2 हम हैं तेरे हाथों की रचना,
हम पर रहें तेरी करूणा
तन-मन-धन हमारा तेरा है,
इन्हें शैतान को छूने न देना।
3 अब दूर नहीं है किनारा,
धीरज को हमारे बढ़ाना
जीवन की हमारी इस नैय्या को
भव सागर में खोने न देना।