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178ऐ खुदाया तेरे दर पर जो भी आया है |
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Song | Instrumental |
ऐ खुदाया तेरे दर पर जो भी आया है, जिन्दगी भर तेरी रहमत का उस पे साया है। 1 मैंने पाया है तुझे हर समय करीब मेरे, काली रातों सा धूँआ दिल पे जब भी छाया है। 2 धुल गये दाग गुणाहों के तेरी रहमत से, सूली से बहते हुए खून में जो नहाया है। 3 अब संभल जा कि चला वक्त बहुत तेजी से, लौट के आजा खुदा ने तुझे बुलाया है।