जो क्रूस पे जाती है वह राह हमारी है,
वो क्रूस निशाना है, मंजिल वो हमारी है ।
1 लंबा है सफर अपना बढ़ते ही जाना है,
है ताज रखा आखिर उस ताज को पाना है,
अब कसलो कमर अपनी शैतान से लड़ाई है।
2 दुनिया यह नहीं अपनी
सब कुछ बेगाना है,
कुछ रोज़ यहाँ रहना फिर छोड़के जाना है,
रहबर वह हमारा है पहिचान पुरानी है ।
3 दुख दर्द बहुत इसमें
है जुल्म ओ सितम सहना,
हम दम वह हमारा है रंजीदा नहीं रहना,
आता है कोई देखो, यीशु की सवारी है।
4 रखता है मुहब्बत जो
दुनिया से किया उसने,
मंज़ूर था मर जाना खुद क्रूस लिया उसने,
क्या खूब मुहब्बत है यह प्यार रूहानी है।