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85तू ही दाता विश्व विधाता |
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Song | Instrumental |
तू ही दाता विश्व विधाता, तेरी दुनिया सारी, कैसा यह इन्सान बनाया, शान तेरी है न्यारी। (2) 1 ऊँचे पर्वत गहरे सागर सूरज चाँद सितारे, बादल आये मेंह बरसाये, कुदरत की बलिहारी। 2 हम्दो सन्ना हम मिल गाएँ, तेरा शुक्र करें, बुलबुल गाएँ झूमें डाली नाचे धरती सारी । 3 हाथों को जोडे़ दिल खोलें, आए हैं शरण तेरी, अर्पण करता तन मन अपना, जान मेरी यह पुकारी।