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653स्तुति प्रशंसा हे प्रभु |
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Song | Instrumental |
स्तुति प्रशंसा हे प्रभु मैं गाऊँ बार बार महान उद्धार दे दिया दिल शान्त कर दिया। 1. संसार के फंदे मे था पापों का दास था लहू की शक्ति से प्रभु तूने छुड़ा लिया । 2. पापों के भार से जीवन मेरा दुखी हुया प्रभु ने भोझ उठा लिया दुख दर्द सब हटा । 3. अंधेरा मन मे था मेरे पथ से भटक गया उजियाला प्रभु बन गया सतपथ दिखा दिया । 4. घुरे के ढ़ेर से प्रभु तूने उठा लिया फ़कीर और दरिद्र को राजा बना दिया।