हे यहोवा, हे बल मेरे,
सदा है सच्चे मार्ग तेरे,
करता है सिद्ध सब मार्ग मेरे।
1. मेरे शत्रु घेरे मुझको,
बन्धनों से पताल के जकडे़
बाढ़़ अधर्म की मुझको डराए,
पर प्रभु मुझको भी न छोड़े।
2. मृत्यु के जाल से जब दी दुहाई,
बन गया रक्षक और ऊंचा गढ़,
मन्दिर से सुनी मेरी दुहाई,
तब पृथ्वी कांपी और थरथराई।
3. दयावन्तों पर दयालु बनता,
टेढ़े पर तू तिरछा बनता,
घमण्डियों को नीचा करता,
तू सर्वज्ञान और सामर्थ्य रखता।
4. तू ही मेरा दीपक जलाता,
मेरे अंधियारे को ज्योति बनाता,
अपने शक्ति का हाथ बढ़ाता,
अपनी सामर्थ्य से मुझको उठाता।
5. पैरों को हरिणी समान बनाता,
ऊंचे स्थानों पर स्थिर है करता,
मुझको बचाव की ढाल है देता,
दहिने हाथ से मुझको सम्भालता।
6. हे यहोवा तू जो जीवित है,
तू जो महिमा ही के योग्य है,
जातियों के सम्मुख स्तुति करके,
गाऊंगा दिल से मैं हाल्लेलूयाह!