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592दुख और मुसीबत के भवसागर में विश्वास की नैया को खेते हूए |
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Song | Instrumental |
1. दुख और मुसीबत के भवसागर में विश्वास की नैया को खेते हूए पहुंचूंगा अनन्त घर में अपने विश्राम करूंगा प्रभु संग मैं। यात्रा करूंगा क्रूस पर रख नजर युद्ध करूगा यीशू के खातिर मेरा ये जीवन मेरी हर सांस मुक्ति दाता पर कुर्बान। 2.गुजरा जमाना गुजरतें हैं दिन , यीशु अब आयेगा दूतो के संग यीशु की महिमा का करने भजन सिद्ध हो मेरी आत्मा और बदन। 3. दुख ही की रोटी हो मेरा भोजन दर्द के आंसू पीने का हो जल धुल जाए आहों में मेरा बदन सब कुछ हो चाहे प्रतिकुलतम ।