प्रभु का दर्शन पाके भाई,
लग जो सेवा मे।
1. भारतवर्ष बुलावे तुझको ,
आ बचा मुझको ,
आत्माएं मरती देखों हजारों
पाप के सागर में।
2. क्रूस पर अपनी जान प्रभु ने ,
जग के लिए दी,
जगह है देखी हिन्द के लिए दी,
उसके ह्रदय में।
3 बैठे बैठे साल गंवाये,
नौ जवानी के,
अभी भी करले प्रभु की सेवा,
बाकी जीवन में।
4,चारों ओर अन्धेरा छाया
रात आ पहुंची,
जो कुछ है करना अभी तू कर ले
दिन की ज्योति में।
5. प्रभु के लिए आत्मा बचाने में
तू जल्दी कर,
फसल है पक्की पूले जमा कर,
उसके खत्ते में।