समय के रथ पर मैं
जीवन यात्रा करता हूँ,
वेग से जाता स्वर्ग की तरफ
जो है मेरा अपना देश।
कुछ ही समय बाकी रहा
मेरी जीवन यात्रा का,
प्रभु तेरी स्तुति करता
शीघ्र तुझे देखूँगा॥
2. निश्चिंत होकर रात्री को
प्रभु के हाथों में सोता हूँ,
तब भी मेरे रथ के पहिये
आगे बढ़ते रहते है।
प्रति भोर यही मैं सोचता
कितना भाग्यशाली हूँ,
अपनी यात्रा की समाप्ति के
और निकट पहुँचा हूँ।
3. समय नहीं है यह अब
सांसारिक सुख बटोरने का,
तैयारी करें अति शीघ्र
अपने स्वदेश जाने का।
बहुत सारा बोझ है देता
परेशानी यात्रा में,
प्रतिदिन की रोटी काफी है
वहाँ तक पहुँचने में।
4. कितना सुंदर है मेरा देश
कितनी भरपुरी वहाँ,
ये संसार मेरा घर नहीं
इसे छोड़कर जाऊंगा।
स्वर्गलोक मेरा निवासस्थान
होगा अनंतकाल तक का,
सुख संसार के नहीं चाहता
ये क्षणिक और नाशमान।
5. जीवन यात्रा की समाप्ति पर
अपने घर पहुँचूँगा,
अविनाशी और अनंत मीरास
प्रभु से पाऊँगा।
समय के रथ पर मैं
जीवन यात्रा करता हूँ,
वेग से जाता स्वर्ग की तरफ
जो है मेरा अपना देश।