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534हृदय भेंट चढ़ायें प्रभु को |
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Song | Instrumental |
हृदय भेंट चढ़ायें प्रभु को, स्तुति प्रशंसा करें। 1. पाप का भार उठाने, आया मसीह जग में, पापियों के सब पाप मिटाने, जीवन सनातन दिया। 2. संकट क्लेश उठाए, नम्र और दिन बनकर, द्वार उद्धार का खोला प्रभु जी, सनातन आशा दी। 3. आश्चर्य स्वर्गीय प्रेम, हम पापियों के लिए, फिर मत जाना पापी जगत में, पाप में न फँसकर। 4. अर्पण करते है तुझको, आत्मा, प्राण, देह भी, रक्षा करो प्रभु इस जीवन की, बिनती हमारी यह ही।