1 दुनिया में सबसे तू हसीन
दुल्हिन को सबसे तू अजीज,
बाप की भरपूरी है तू ही
प्यारे मर्द-ए-कलवरी!
कोः उस मर्द-ए-कलवरी
ने जीता मेरा दिल,
और अपनी जान दे दी
आह! मर्द-ए-कलवरी।
2 पापी को दे दी ज़िन्दगी
कैदी को दी आज़ादगी,
लहू बहाकर माफी दी
रहम दिल मर्द-ए-कलवरी।
3 सबको दिलाई नियामतें
फजल और प्यार की बरकतें,
मेरी पाकीजगी है तू ही
पाकीजा मर्द-ए-कलवरी।
4 मेरे सफर की तू ही आस
एक दिन मैं तुझे देखूगा,
तुझसे ए यीशु मिलूंगा
प्यारे मर्द-ए-कलवरी।