तेरे लहू से मुझे धोले तू प्रभु
पूरी तौर से अभी,
तेरे ही समान होने के लिए,
मेरे जीवन में काम कर तू प्रभु।
1 दलदल की कीच से मुझे उभारा,
चट्टान पर खड़ा कर दिया तेरे लिए,
क्षमा किया है तमाम पापों को
स्मरण करता हूं कि मैं मिट्टी ही हूँ।
2 कलवरी पर बलिदान हुआ तू,
दान और दाता है तू मेरे लिए,
विश्वास में स्थिर रहूँगा,
और तुझ से ज्यादा मैं प्रेम करूँगा ।
3 टूटा हुआ मन चाहता है तू,
कठोर कर दिया मैंने पिछले दिनों में,
नया बनाया दया करके,
स्वर्गीय स्थानों में बैठा दिया ।