Return to Index

229

230

धन्य कहूं प्रेमी पिता

231
SongInstrumental

धन्य कहूं प्रेमी पिता, तेरा प्यार मुझ पे ज़ाहिर, उद्धार देकर शुद्ध किया, और मैं बना तेरा जरिया। को- हाजीर हूं मैं तेरे काम में, तेरी दया मुझ पर हो हर समय और हर जगह में, मुझे इस्तेमाल करो । 2 सिर्फ एक ज़रिया बनकर तेरा, शुभ संदेशा फैलाऊं हजारों प्यासे मनों तक, तेरी आशीष पहुंचाऊं। 3 खुद को शून्य किया तूने आदर का मैं पात्र बनू तेरी आज्ञाओं को मानू, तू सामर्थ दे हे प्रभु। 4 उस दया का बयान दू कि, पाप और स्वार्थ से मैं बचा मुझे खरीदा और अपनाया, प्यारे प्रभु मुझमें आ। 5 खुद को जब मैं अर्पण करूं, पाक आत्मा से प्रभु भर दे कि नदियां जीवन जल की मेरे भीतर से बह निकले।