धन्य कहूं प्रेमी पिता,
तेरा प्यार मुझ पे ज़ाहिर,
उद्धार देकर शुद्ध किया,
और मैं बना तेरा जरिया।
को- हाजीर हूं मैं तेरे काम में,
तेरी दया मुझ पर हो
हर समय और हर जगह में,
मुझे इस्तेमाल करो ।
2 सिर्फ एक ज़रिया बनकर तेरा,
शुभ संदेशा फैलाऊं
हजारों प्यासे मनों तक,
तेरी आशीष पहुंचाऊं।
3 खुद को शून्य किया तूने
आदर का मैं पात्र बनू
तेरी आज्ञाओं को मानू,
तू सामर्थ दे हे प्रभु।
4 उस दया का बयान दू कि,
पाप और स्वार्थ से मैं बचा
मुझे खरीदा और अपनाया,
प्यारे प्रभु मुझमें आ।
5 खुद को जब मैं अर्पण करूं,
पाक आत्मा से प्रभु भर दे
कि नदियां जीवन जल की
मेरे भीतर से बह निकले।