जय-जय प्रभु यीशु की-2
हमको बचाने आया जगत में,
उसकी स्तुति करो,
गाओ खुशी के गीत,
हे धरती हे आकाश,
आया मसीह जगत में,
पाप को करने नाश।
1 खून की धारा बहती सूली से,
जिसमें धुले सब पाप
धो लो अब तुम अपने हृदय को,
जिसमें रहे न दाग।
2 ग्रहण करो तुम आज प्रभु को,
प्रेम की बहती धार,
उसको बना लो खेवनहारा,
नाव लगा लो पार।
3 वापस आता मेरा प्रभु जी,
ले जाएगा साथ
आशा मेरी अब तो यही है,
चलो तुम मेरे साथ ।
4 हरदम होंगे साथ यीशु के,
खुशी और शान्ति आराम,
आएगा वह लेने तुम्हें भी,
रहना तुम भी तैयार।