अनुग्रहकारी प्रिय प्रभुजी,
तेरी शरण में हम आते है,
तन-मन-धन तुझको भेंट चढ़ाते,
करते है तुझको साष्टांग प्रणाम।
1 हर दिन तू हमें आशीष देता,
गिरने से हमको बचाके तू रखता,
जीवन के इस लम्बे सफर में,
तेरा वचन ही राह दिखाता।
2 संकट क्लेश तो आते रहेंगे,
पर तेरा अनुग्रह काफी है हर पल,
हम तेरे कदमों में चलते रहेंगे,
जीत हमारी होगी आखिर जरूर।
3 सेवा यीशु से हमको मिली है, मिट्टी के बरतन लेकिन खजाना है स्वर्ग का,
टूट जाए तौभी परवाह नहीं है,
महिमा तुझको देते रहेंगे।