एक नगर तैयार है हमारे लिये,
रचनेवाला खुद ही परमेश्वर है
हम जाएँगें जरुर जाएँगें। 2
1 ऐसा अद्भुत नगर चोखे सोने का वो है,
नीव उसकी बहुमूल्य पत्थर से होती है,
लहू से हम धुले है पाप क्षमा पाई है,
हम जाएँगें जरुर जाएँगें।
2 शहर पनाह उस नगर की बहुत ऊँची है,
जुड़ाई उसकी यशब की वह नापा गया है,
प्रभु ने छुड़ाया है और हक भी दिया है, हम जाएँगें जरुर जाएँगें ।
3 बारह फाटक उसके मोती के बने है,
बाहर स्वर्गदूत वहाँ सदा पहरा देते है,
वस्त्र धोना लहू से प्रभु ने सिखाया है, हम जाएँगें जरुर जाएँगें ।
4 उस नगर की सड़क स्वच्छ सोने की जो है,
फाटक उसके कभी भी न बंद होते है,
सड़क से हम चलेंगे फाटक से प्रवेश करेंगे, हम जाएँगें जरुर जाएँगें।
5 जयवन्तों के लिये वह नगर तैयार है,
पापी अधर्मी का कोई स्थान नहीं है,
विजयी प्रभु के द्वारा
जयवन्त हम सब बनते है,
हम जाएँगें जरुर जाएँगें।