Return to Index

158

159

दिन में बादल का छाया बना

160
SongInstrumental

दिन में बादल का छाया बना, रात में अग्नि की ज्वाला बना, रक्षक बना हमारा, प्रभुजी, सुख शान्ति से संभाला। कोः- धन्य धन्य, धन्य प्रभु को जिसने मुक्ति दी हमको, शरण में अपनी लाया, प्रभु जी, दिन रात हैं संभाला। 1 वचन का मन्ना खिलाया हमें, पानी चट्टान से पिलाया हमें, आत्मा को तृप्त है किया, प्रभुजी, दिल में तू शांति लाया । 2 इस सुंदर आत्मिक जीवन में, प्राण, आत्मा, शरीर और हृदय में, है स्वर्गीय जीवन डाला, प्रभुजी, आत्मिक जागृति लाया। 3 कनान देश में लाया मुझे, सन्तों के साथ मिलाया मुझे, दण्डवत तुझे करुँ मैं, प्रभुजी, साष्टांग प्रणाम करुँ मैं।