यीशु है मेरा कैसा विलास
मन में वह देता आनन्द और आस,
मुक्ति का भागी स्वर्ग मेरा घर,
उसमें मैं रहता सदा निडर।
कोः- यह मेरा हाल है यह मेरा गान,
उसी का यश मैं करता बखान। (2)
1 पूरा भरोसा आनन्द और सुख,
अब मुझे है न चिंता न दुख,
ख्रिस्त से ही हुआ दया का ज्ञान,
दूतगण अब करते प्रेम का बखान।
2 ख्रिस्त पर मैं रखता पूरा विश्वास,
रहता सुरक्षित उसी के पास,
उसी के प्रेम से पाता विश्राम,
जाऊंगा अन्त में स्वर्गीय धाम ।