कांटों में चलूंगा तेरे लिए
दुख भी उठाऊँगा तेरे लिये,
मैं ने यह जीवन तुझको दिया है
जीवन बनाऊँगा तेरे लिये।
1 मैं ने भी माना यह जीवन कठिन है
और हर पल दुखों से घिरा,
जीवन की आशायें तुझ पर लगी है
कि तू है दया से भरा,
तंगी बिमारी और बढ़ती मुसीबत
सब कुछ उठाऊंगा तेरे लिये।
2 अपनी समझ का सहारा मैं लेता,
तो मिलती पराजय मुझे,
तेरी दया की दो बूंदें मिलेगीं
तो जय का है निश्चय मुझे,
आत्मा के फलों से हृदय सजाकर
जीवन बिताऊंगा तेरे लिये।
3 तेरी दया पर जो जीवन बिताता
वह पाता है जीवन का दान,
तेरी करूणा की छाया है जिस पर
वह पाता है बुद्धि और ज्ञान,
महिमामय लहू का अद्भुत संन्देशा
घर घर सुनाऊंगा तेरे लिये।