Return to Index

13

14

प्यारे मसीह! तेरे सिवाय कौन है मेरा (2)

15
SongInstrumental

प्यारे मसीह! तेरे सिवाय, कौन है मेरा, (2) रोज-ब-रोज खेदों में होके कहरता यह मेरा मन तेरे सिवाय मन के प्यारे कोई न मेरा सहारा (2) 1 तेरे साथ जंगल में घूमेंगे प्रीतम, तेरा नाम लेकर चलूँगा, तेरे चरणाब्द पदत छुऊँगा जगत में जब लों रहूँगा । 2 जगतल में तेरा सा कोई न प्यारा, मरू में मैं प्यासा सहारा, क्षण में मसीहा तुझ से लिपटूँगा मन में तसल्ली यह मेरी। 3 दुनिया में थोड़े दिन वास हमारा उस में क्या संर्घष हमारा, क्षण भर बीत परपद पाऊँगा प्रभु तेरे संग रहूँगा। 4 भवन में जाने की ध्वनी मैं सुनूँगा प्रिय की आवाज सुनूंगा, सरिता समुन्दर मध्य में जैसी प्रिय से मिलने को मैं रमुँगा।