(Tune:- In Christ alone)
1 सिर्फ ख्रिस्त में, मेरी आशा
यीशु है नूर, गज़ल व बल,
आधार शिला, न बदलता
चाहे हो तुफान और अकाल,
सिद्ध प्रेम मिसाल, अनुपम शान्ति
भय या मुश्किल भी करता हल,
सहायक मेरा, जी भर के मैं
डुबूँ मसीह प्रेम में हर पल।
2 प्रभु ख्रिस्त ही देहधारी हुआ
सिद्ध खुदावन्द सिफर बना,
स्वर्ग का सुमन और सच्चाई
अपनों से त्यागा हुआ था,
कफ्फारा होकर सूली पे मरा
पिता का क्रोध शान्त किया,
पाप का हर एक बोझ उठाया
पापी को जय जीवन दिया।
3 क्रूस के तले कुचला शरीर
जगत के नूर को मार दिया,
विस्फोट सामर्थ से महिमित दिन में
मौत को हराकर जी उठा,
मृत्युंजय होकर ईश्वर पुत्र
नरक का श्राप हटा ही दिया,
मेरा प्रियतम, मैं सिर्फ तेरे
बेदाग लहू से मोल लिया।
4 पाप दोष नहीं, न मौत का खौफ
अतुल्य प्रभाव ख्रिस्त यीशु का,
आरंभ से आखिरी सांस तक
जीवन की तकदीर यीशु है,
मौत का चंगुल या साजिश भी
मुझे ना कभी दूर करेगा,
पुनरागमन या बुलावे तक
जीने की प्रेरणा ख्रिस्त ही है।