मेरा एक ही मित्र यीशु
वह मेरा सब कुछ है
लाखों में वो मेरा एक ही प्रिय है,
वह शारोन का गुलाब है
वह भोर का तारा है
लाखों में वह मेरा एक ही प्रिय है।
कोः- उसके दुःख से मुझको शांति
और आनंद मिलता है
उसका क्रूस मुझको चंगा करता हैं,
वह शारोन का गुलाब है
वह भोर का तारा है
लाखों में वह मेरा एक ही प्रिय है।
1 मेरा सारा बोझ उठाया
मुझे चंगा कर दिया
पाँवों को मेरे स्थिर किया है,
जब अकेला था भटकता
तो सब ने छोड़ दिया
यीशु प्यारा मेरा मित्र बन गया।
2 अब मैं जीवन भर उसी की
महिमा करुँगा
हाथ उठाकर उसकी स्तुति करुँगा,
यीशु के लिए जिऊंगा
और उसमें मरुँगा
अब से यही मेरी मात्र आशा है।