1. संसार का सबसे बड़ा वैद्य,
वह है हमारा यीशु;
उनको जो पाप में हुए कैद,
प्यार से बोलता यीशु।
कोः- सब संसार में मीठा नाम,
पृथ्वी-स्वर्ग में मीठा नाम,
सबसे प्रिय मीठा नाम,
यीशु, यीशु, यीशु।
2. तुम्हारा सबसे बड़ा पाप,
है क्षमा बोलता यीशु,
तुम स्वर्ग को आओ साथ मिलाप,
कि मुकुट देता यीशु।
3. यीशु का नाम बचाता है,
हर पाप और दुख से यीशु,
वह प्यार से अब बुलाता है,
कौन और है जैसा यीशु।
4. हे भाईयों उसकी स्तुति गाओ,
कि इसके योग्य यीशु,
हे बहिनों तुम भी गीत उठाओ,
है सदा धन्य यीशु।
5. स्वर्ग देश को जब हम चढ़ेंगे,
देखेंगे अपना यीशु,
वहां फिर नहीं मरेंगे,
अनन्त आनन्द साथ यीशु।