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1. शिकारी आएगा जाल बिछाएगा खुद को छिपाएगा पंख फैलाकर मैं उड़ूँगा और न डरूँगा। 2. शैतान आएगा जाल बिछाएगा खुद को छिपाएगा उकाब की मानिन्द मैं उड़ूँगा और न डरूँगा।