287 |
288खुल जायेंगी किताबें |
289 |
Song | Instrumental |
खुल जायेंगी किताबें, जब भी हिसाब होगा, इन्साफ का तराजू यीशु के हाथ होगा। 1 जो भी तू कर रहा है, यीशु वो देखता है, हर पल का तुझ को इन्सान देना हिसाब होगा। 2 आजा अभी भी मुड़कर यीशु बुला रहा है, वरना यह याद कर ले तेरा ही नाश होगा। 3 कदमों में उसके रो ले, तौबा गुनाह से करले, फिदिया मसीह ने दिया, माफी तू आज ले ले।