यीशु प्रभु तेरे सन्मुख हम आते
गाते सन्ना और स्तुति प्रशंसा,
सिंहासन पर तू विराजमान पिता के
धन्य तेरी हो और सदा महिमा ।
कोः- प्रभु तेरी महिमा (2)
धन्य तेरी हो और सदा महिमा,
सिंहासन पर तू विराजमान पिता के
धन्य तेरी हो और सदा महिमा ।
1 परमेश्वर तुल्य था, बन गया मानव
सह लिया क्रूस और मृत्यु पाप-दंड,
स्वर्ग के दूतों से बना था निर्बल
प्राप्त किया नाम और बहुत श्रेष्ठ पद ।
2 निन्दा और कष्ट और
कांटों का ताज पहना
स्वजातियां ने कैसा दुःख दिया,
सब मनुष्यों ने तुझे छोड़ दिया था
परमेश्वर ने भी मुँह फेर लिया था ।
3 सामर्थ से मृत्यु पर जयवन्त हुआ है
ईबलीस के डंक को विनाश कर दिया,
फिर क्यों न करें हम गुणगान तेरा
प्रभु तू योग्य है और सदा महिमा ।