यीशु कैसा दोस्त है प्यारा,
दुख और बोझ उठाने को,
क्या ही उम्दा वक्त हमारा,
बाप के पास अब जाने को,
आह हम राहत अकसर खोते,
नाहक गम उठाते है,
यह ही बाइस हैं यकीनन,
बाप के पास न जाते हैं ।
1 गरचि इम्तिहान हो सामने,
या तकलीफ मुसीबत हो,
तब दिलेर और शाद तुम हो के,
बाप को जाके खबर दो,
कौन और ऐसा दोस्त है लायक,
जो उठावे दुखों को,
हर कमजोरी को वह जानता,
जा के बाप से सब कहो।
2 क्या तुम्हारा हाल पुर दर्द है?,
क्या तुम बोझ से दबे हो?
यीशु है हमदर्द तुम्हारा,
जा के उसको खबर दो,
दोस्त जब छोडे़ और सतावे,
बाप से सारा हाल कहो,
तब वह गोद में तुमको लेके,
पोंछेगा हर आंसू को ।