जिन्दगी मेरी बदल गई
जब से मसीह को पाया है,
खिल गई है कलियाँ नई
यीशु बहार लाया है।
1 जीवन है क्या पल ही दो पल का,
किसने है जाना होगा क्या कल का,
घड़ियाँ सुनहरी फिर न लौटेंगी-2
मुक्ति और जीवन वह लाया है।
2 मार्ग में हमारे वह दर्शक रहेगा,
कदम डगमगाएँ हाथ वह थामेगा,
भटके हुओं को राह दिखाने-2
इस धरती पर वह आया है।
3 जीवन की रोटी और अमृत जल को,
कैसी भरपूरी से देता वह हमको,
लहू बहाकर पाप हमारा -2
प्यारे प्रभु ने उठाया है।