किता प्यार मैंनू मेरे खुदा,
दे के रूह पाक मेरा दिल भरया।
हाल्लेलूइया -4
1 प्रेमी ने प्रेम नाल मैंनू बुलाया है,
कड के ख़तरे दे विचों कोल बिठाया है,
जीवन दा पानी दित्ता मैंनू पिला।
2 ओह मेहरबान है, मेरी चट्टान है,
प्यासे दी प्यास बुझावे ओह चश्मा है,
अमृत जल दा है ओह दरीया।
3 ये बीयाबान है, दुश्मन शैतान है
मैंनू बचावे सदा मेरा गलवान है,
दुखां दे वेले मेरी सुनदा दुआ ।
4 शस्त्र फड़ा के वस्त्र पहना के,
दिती दलेरी मेरे दिल विच आ के,
ताकि शैतान ऊतें पावां फ़तह।
5 प्रभु ललकार नाल स्वर्गा तो आयेगा,
कामिल मुकदसां नू नाल ले जाएगा,
गावाँगा गीत इक नवा सदा।