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मसीही जगत में अनेक लोग शिशु के बपतिस्मे का पालन करते हैं।परन्तु क्या यह वचनानुसार है? वास्तव में नए नियम में एक भी पद नहीं पाया जाता जो इस बात का समर्थन करता है। सपर्फ उनका बपतिस्मा होना चाहिए जो प्रभु यीशु पर किए गए विश्वास की गवाही देते हैं। मरकुस 10:13-16 को शिशु के बपतिस्मे के समर्थन में कहा जाता है। परन्तु वहाँ हम ‘पानी’ के विषय में नहीं परंतु प्रभु यीशु के विषय में पढ़ते हैं। वचन में कहीं-कहीं पर हम पढ़ते हैं कि पूरे घराने ने बपतिस्मा लिया। उदाहरण के लिए-लुदिया और उसके घराने के विषय में यह कहा गया है। ;प्रेरितों 16:15। फिलिप्पी के दारोगा और उसके घराने ने बपतिस्मा लिया ;प्रेरितों 16:33। प्रेरित पौलुस ने स्तिपफनास को और परिवार को बपतिस्मा दिया ;1 कुरि. 1:16। इनमें से किसी भी भाग में शिशुओं के बारे में कुछ भी नहीं कहा गया। वास्तव में, फिलिप्पी के दारोगा के परिवार के विषय में यह स्पष्ट कहा गया कि पूरे परिवार ने प्रभु पर विश्वास किया और आनंद किया। ;प्रेरितों 16:34 ‘‘घराना’’ का अर्थ मात्रा परिवार के सदस्य ही नहीं बल्कि उनके सेवक और नौकर भी उसमें शामिल है।नए नियम का अन्य हिस्सा इस बात का स्पष्ट समर्थन करता है कि मात्रा विश्वास करने वाला व्यक्ति बपतिस्मा पाकर कलीसिया में जोड़ा जाता है। ;प्रेरितों 2:41( 18:8। ‘बपतिस्मा’ के प्रकार: वचन में अनेक प्रकार के बपतिस्मे के विषय में कहा गया है, और हर एक का अपना विशिष्ट महत्व है। 1. इस्राएल का बपतिस्मा ;1 कुरि. 10:1-2 400 वर्षों तक इस्राएली मिस्र की गुलामी में रहे। परमेश्वर ने उनके छुटकारे के लिए मूसा को भेजा। परमेश्वर की आज्ञा से मूसा ने लाल समुद्र को दो भागों में बाँट दिया और इस्राएली सूखी भूमि पर पार चले गए। उनके पार जाने पर समुद्र वापस पहले जैसा हो गया और उनका पीछा करने वाली पिफरौन की सेना उसमें डूब मरी। पौलुस प्रेरित उस घटना के विषय में कहते हैं-‘‘हमारे सब बापदादे बादल के नीचे थे, और सबके सब समुद्र के बीच से पार हो गए। और सबने बादल में और समुद्र में मूसा का बपतिस्मा लिया।’’यहाँ पर बपतिस्मा का अर्थ है उनके अगुए मूसा के साथ एक हो जाना या जुड़ जाना। 2. यूहन्ना बपतिस्मा दाता का बपतिस्मा: ;मत्ती 3:16( मरकुस 1:8)( लूका 3:16( यूहन्ना 1:33) परमेश्वर ने यूहन्ना को भेजा था कि वह प्रभु यीशु मसीह के लिए मार्ग तैयार करे। यूहन्ना का बपतिस्मा इस्राएलियों के लिए था। जब यूहन्ना ने मन पिफराव का प्रचार किया तो अनेकों ने अपने पापों से पश्चाताप करके यूहन्ना से बपतिस्मा लिया। यह निश्चित रूप से पानी में ही था। यह बपतिस्मा पश्चाताप का ;प्रतीकात्मक गवाही का एक चिन्ह था। 3. प्रभु यीशु का बपतिस्मा ;मरकुस 3:16 यूहन्ना बपतिस्मादाता ने प्रभु यीशु को बपतिस्मा दिया। अपने बपतिस्मे के द्वारा प्रभु ने मनुष्यों के साथ एक होने को दर्शाया। उनका बपतिस्मा हमारे लिए एक उदाहरण था। यूहन्ना से बपतिस्मा लेकर प्रभु ने सब धार्मिकता को पूरा किया। ;मत्ती 3:15। प्रभु ने कहा, ‘‘मुझे तो एक बपतिस्मा लेना है, और जब तक वह न हो ले तब तक मैं कैसी व्यथा में रहूँगा।’’;लूका 12:50। यह प्रभु के कष्ट उठाने व मृत्यु सहने की ओर संकेत था। 4. पवित्रा आत्मा का बपतिस्मा: पिन्तेकुस्त के दिन पवित्रा आत्मा शिष्यों पर उतरे और इसके परिणामस्वरूप उन्हें एक शरीर के रूप में बपतिस्मा दिया गया कि कलीसिया बनें। यह प्रभु की शारीरिक देह नहीं परन्तु आध्यात्मिक देह है -जो कलीसिया है। इस ऐतिहासिक घटना का वर्णन यूहन्ना ने पहले से ही किया था ;लूका 3:16। इस प्रकार पिन्तेकुस्त के दिन मसीही कलीसिया का जन्म हुआ।तब से आगे को जिनका नया जन्म होता है वे परमेश्वर की कलीसिया में जोड़े जाते हैं ;प्रेरितों. 2:47।प्रभु यीशु कलीसिया का सिर हैं, और हर एक नया जन्म प्राप्त विश्वासी प्रभु के शरीर का अंग है। पवित्रा आत्मा का बपतिस्मा एक ऐतिहासिक कार्य है जो पिन्तेकुस्त के दिन हुआ। इस आत्मा के बपतिस्मे में हर एक विश्वासी का साझा है। पवित्रा आत्मा के इसी कार्य के द्वारा एक विश्वासी को मसीह के शरीर का अंग बनाया जाता है। इसके बगैर कोई भी व्यक्ति मसीही नहीं बन सकता। 5. आग का बपतिस्मा: मत्ती और मरकुस रचित सुसमाचार में यूहन्ना बपतिस्मादाता ने कहा, ‘‘मैं तो पानी से तुम्हें मन पिफराव का बपतिस्मा देता हूँ परन्तु जो मेरे बाद आने वाला है, वह मुझ से शक्तिशाली है, मैं उसकी जूती उठाने के योग्य नहीं। वह तुम्हें पवित्रा आत्मा और आग से बपतिस्मा देगा।’’ ;मत्ती 3:11( लूका 3:16। आग से बपतिस्मा पवित्रा आत्मा का बपतिस्मा नहीं है। यह आलंकारिक भाषा है।मत्ती 3:12 में इसे समझाया गया है ‘‘उसका सूप उस के हाथ में है, और वह अपना खलिहान अच्छी रीति से सापफ करेगा, और अपने गेहूँ को तो खत्ते में इकठ्ठा करेगा, परन्तु भूसी को उस आग में जलाएगा जो बुझने की नहीं।’’ यह बात प्रभु ने न्याय के विषय में कही थी। यह केवल अविश्वासियों के लिए है। एक विश्वासी पर दण्ड की आज्ञा न होगी। ;यूहन्ना 5:24 क्योंकि उसका दण्ड प्रभु यीशु मसीह ने उठा लिया। अविश्वासी का एक दिन न्याय होगा और उसे आग की झील में डाल दिया जाएगा। यही आग का बपतिस्मा है। ;तुलना करें-प्रका20:13-15।
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