Class 8, Lesson 35: बपतिस्मा 1

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प्रभु यीशु ने कलीसिया को दो अध्यादेश दिए हैं। पहला है-बपतिस्मा जो एक विश्वासी में हुए परिवर्तन का प्रतीक है। दूसरा है-प्रभु भोज, एक यादगार जो प्रभु यीशु की मृत्यु की घोषणा करता है। इस पाठ में हम ‘‘बपतिस्मा’’ के विषय में सीखेंगे।इसका महत्व: बपतिस्मा एक आज्ञा है जो हमारे प्रभु यीशु ने दी है। प्रभु ने अपने शिष्यों को यह आज्ञा दी ‘‘इसलिए तुम जाओ और सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता, और पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो’’ ;मत्ती 28:19, 20, मरकुस 16:15,16।शिष्यों ने और आरंभिक कलीसिया ने इस कार्य को संपूर्ण निष्ठा और गंभीरता के साथ किया। ;प्रेरितों. 2:41, प्ररितों 8:36-38। पौलुस और पतरस ने अपने पत्रियों में इस अध्यादेश के अर्थ को समझाया है। ;रोमियों 6:1-4, 1 पतरस 3:21। अतः हम देखते हैं कि इस अध्यादेश की स्थापना सुसमाचारों में हुई, प्रेरितों के कार्य में उसका पालन हुआ और पत्रियों में उसका अर्थ समझाया गया। इस विषय में यह ध्यान देने योग्य बात है कि यदि प्ररितों के द्वारा हमें इसका अर्थ समझाया गया न होता तो इसे हम एक रस्म की तरह करते रहते। वास्तव में आज ऐसे अनेक व्यक्ति और चर्च हैं जो इस अध्यादेश का पालन एक रिवाश की तरह करते हैं।इसका अर्थ: नया जन्म प्राप्त हुए एक विश्वासी के जीवन में जो आंतरिक परिवर्तन हुआ है, बपतिस्मा उसका बाहरी प्रकटीकरण है। यह आंतरिक परिवर्तन क्या है?एक पापी के रूप में हम मृत्यु दण्ड के आधीन थे। हमारा पुराना स्वभाव दुष्ट था। परमेश्वर ने उस पुराने स्वभाव को सुधरा नहीं बल्कि यह आज्ञा दी कि आदम से जन्मे पापी संतानों को मृत्यु प्राप्त हो। निश्चित रूप से यदि हमारी मृत्यु होती तब हम अनंतकाल के लिए नष्ट हो जाते। तथापि, परमेश्वर ने अपने अनंत अनुग्रह में यह नहीं चाहा कि मनुष्य का ऐसा अंत हो। अतः परमेश्वर ने अपने पुत्रा को हमारा उद्धारकर्ता बना कर इस संसार में भेजा ताकि प्रभु हमारे स्थान पर मारे जाएँ। इसका अर्थ यह है कि जब प्रभु यीशु ने क्रूस की मृत्यु सही तब हम भी प्रभु के साथ मर गए। प्रभु अपनी मृत्यु को बपतिस्मा कहते हैं ;मत्ती 20:22 लूका 12:50। इसका अर्थ यह है कि प्रभु यीशु ने परमेश्वर के न्याय को अपने ऊपर उठा लिया जो दूसरी मृत्यु है। ;प्रका. 20:14। कोरह के पुत्र भजन में कहते हैं-‘‘.....तेरी सारी तरंगों और लहरों में मैं डूब गया।’’ ;भजन 42:7। यहाँ ‘‘तेरी’’ और ‘‘सारी’’ शब्दों पर ध्यान दें। परमेश्वर के द्वारा दिए गए संपूर्ण पाप के न्याय और दंड को हमारे प्रभु यीशु ने अपने ऊपर उठा लिया।रोमियों 6 में हम पढ़ते है-‘‘.... हम सब जिन्होंने मसीह यीशु का बपतिस्मा लिया, उसकी मृत्यु का बपतिस्मा लिया। अतः उस मृत्यु का बपतिस्मा पाने से हम उसके साथ गाड़े गए।’’ ;रोमियों 6:3-4 ‘‘क्योंकि यदि हम उसकी मृत्यु की समानता में उसके साथ जुट गए हैं, तो निश्चय उसके जी उठने की समानता में भी जुट जाएँगे। हम जानते हैं कि हमारा पुराना मनुष्यत्व उसके साथ क्रूस पर चढ़ाया गया ताकि पाप का शरीर व्यर्थ हो जाए। ;रोमि. 6:5-6। परमेश्वर की पवित्रता की माँग के अनुसार यह आवश्यक था कि हमारा पुराना पापमय मनुष्यत्व परमेश्वर की दृष्टि से सदा के लिए दूर किया जाए। मृत्यु ही जिसका विकल्प था वह, कलवरी के क्रूस पर पूरा हुआ। मसीह की मृत्यु का हम उस समय लाभ उठाते हैं, जिस क्षण हम उद्धार प्राप्त करते हैं। जब पानी में हमारा बपतिस्मा होता है तब हम सार्वजनिक रूप से यह गवाही देते हैं कि जब प्रभु की मृत्यु हुई तब हम भी उनके साथ मर गए और एक पापी के रूप में हमारा पुराना जीवन परमेश्वर की दृष्टि में समाप्त हो गया।रोमियों 6:4 में बपतिस्मा की तुलना गाड़े जाने के साथ की गई है।पानी के बपतिस्मे में एक विश्वासी स्वयं को प्रभु यीशु की मृत्यु, गाड़े जाने और जी उठने की समानता में लाता है। प्रभु यीशु ने एक विश्वासी के स्थान पर क्रूस की मृत्यु सह ली। बपतिस्मा में एक विश्वासी यह स्वीकार करता है कि मसीह की मृत्यु स्वयं उसकी मृत्यु है। पानी के भीतर जाना इसी बात का प्रतीक है। जब एक विश्वासी पानी से बाहर आता है तब यह मसीह के साथ जी उठने की समानता का प्रतीक है।अतः अब हम नई सृष्टि हैं। ‘‘मैं मसीह के साथ क्रूस पर चढ़ाया गया हूँ, अब मैं जीवित न रहा, पर मसीह मुझ में जीवित है।’’ ;गल2:20। अब विश्वासी पुराना जीवन नहीं जीता बल्कि नए जीवन की सी चाल चलता है। बपतिस्मा नए जीवन की घोषणा है। ‘‘यदि कोई मसीह में है, तो वह नई सृष्टि है, पुरानी बातें बीत गई हैं, देखो, सब बातें नई हो गई हैं।’’ ;2 कुरि 5:17। ‘‘अतः उस मृत्यु का बपतिस्मा पाने से हम उसके साथ गाड़े गए, ताकि जैसे मसीह पिता की महिमा के द्वारा मरे हुओं में से जिलाया गया, वैसे ही हम भी नए जीवन की सी चाल चलें।’’ ;रोमियों 6:4।अतः आज सब मनुष्यों के लिए यह संदेश है कि पश्चाताप करो और सुसमाचार पर विश्वास करो। ऐसा करने पर एक व्यक्ति तुरंत पवित्रा आत्मा को प्राप्त करता है। तब उसे प्रभु के साथ जुट जाने के प्रतीक के रूप में बपतिस्मा लेना चाहिए और उसके द्वारा यह प्रकट करना चाहिए कि अब वह नए जीवन की सी चाल चलेगा।

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