Class 8, Lesson 32: उद्धार की सुरक्षा 1

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बाइबल के कुछ भाग ऐसे हैं जिनसे यह प्रतीत होता है कि उद्धार प्राप्त व्यक्ति का उद्धार सुरक्षित नहीं है अतः वह नष्ट हो सकता है। हम ऐसे ही कुछ तर्कों को देखेंगे जो महत्वपूर्ण प्रतीत होते हैं।नाम को काटना: ;निर्गमन 32:32इस्राएलियों के लिए मध्यस्थता करते हुए मूसा ने यह कहा था ‘‘तौभी अब तू उनका पाप क्षमा कर-नहीं तो अपनी लिखी हुई पुस्तक में से मेरे नाम को काट दे।’’ यहोवा ने मूसा से कहा, ‘‘जिसने मेरे विरु( पाप किया है, उसी का नाम मैं अपनी पुस्तक में से काट दूँगा।’’;पद 33 यहाँ तर्क यह है कि ‘‘परमेश्वर की पुस्तक में से नाम के काटे जाने की संभावना है। इस कारण कुछ लोग तर्क देते हैं कि उद्धार नष्ट हो सकता है। मूसा ने प्रार्थना की थी कि जो नाम परमेश्वर ने लिखा था उसे वह काट दें। हम जानते हैं कि स्वर्ग में अनेक पुस्तकें हैं-;भजन 69:28 यशा. 4:3( दानि. 12:1( भजन 56:8( मलाकी 3:16( यशा. 65:6( प्रका20:12। भजन 69:28 में जिन पुस्तक का वर्णन है वह है ‘‘जीवन की पुस्तक’’। यह स्पष्ट है कि मनुष्य के जन्म के समय उसका नाम उस पुस्तक में लिखा जाता है और उसकी मृत्यु के समय वह काटा जाता है। अतः यहाँ इस तर्क में उद्धार का तात्पर्य नहीं है।छः लाख इस्राएलियों की मृत्यु: ;गिनती 14 व्यवस्था 1:33-38। यहाँ पर तर्क यह है कि छः लाख लोग वायदे के देश में पहुँचने से पहले ही मर गए। अतः परमेश्वर के लोग जो पाप करते हैं वे स्वर्ग नहीं पहुँच पाएँगे। सत्य यह है कि मरुभूमि की मृत्यु उद्धार के नष्ट होने को नहीं बताती। नए नियम के विश्वासी के लिए वायदे की भूमि स्वर्ग नहीं बल्कि इस संसार में रहकर आत्मिक आशीषें को प्राप्त करना व उसका आनंद उठाना है। ;इपिफ. 1:3द्ध इस बात पर ध्यान दें कि मूसा की भी बगैर वायदे के देश में पहुँचे, जंगल में ही मृत्यु हो गई थी।परन्तु प्रभु यीशु के रूपांतर के समय पर मूसा भी उस पर्वत पर थे। अतः मरुभूमि में मृत्यु होना उद्धार को खोना नहीं है। उद्धार के लिए अंत तक धीरज धरणा है:;मत्ती 24:13 ‘‘परन्तु जो अन्त तक धीरज धरय रहेगा, उसी का उद्धार होगा।’’ यह पद एक भविष्यद्वाणी का भाग है जो यहूदियों और महाक्लेश के समय के विषय में है। ;पद 14 पढ़ें। दानिय्येल की पुस्तक में लिखे गए। 1335 दिनों के अंत समय की यह भविष्यद्वाणी है।वे यहूदी जो महाक्लेश को सह लेंगे वे हशार वर्ष के राज्य में प्रवेश कर सकेंगे और स्वर्ग के वारिस बन सकेंगे ;रोमियों. 11:25-27( यशा. 4:4महाक्लेश के समय धीरज धरना उद्धार पाने की कसौटी है। इसका तात्पर्य विश्वास के द्वारा अनुग्रह से उद्धार पाए हुए नए नियम के विश्वासी से नहीं है।‘‘भेड़ों और बकरियों’’ का न्याय: ;मत्ती 25:31-46 यह गलत मान्यता है कि यह अंतिम न्याय है। ‘‘जब मनुष्य का पुत्रा अपनी महिमा में आएगा और सब स्वर्गदूत उसके साथ आएँगे, तो वह अपनी महिमा के सिंहासन पर विराजमान होगा। और सब जातियाँ उसके सामने इकट्ठा की जाएँगी, और जैसे चरवाहा भेड़ों को बकरियों से अलग कर देता है,वैसे ही वह उन्हें एक दूसरे से अलग करेगा।’’ मत्ती में हम पढ़ते हैं- ‘‘आएगा’’ ‘‘इक्ट्ठा की जाएँगी’’-यह यहोशापात की तराई में होगा। तथापि महाश्वेत सिंहासन के समय पृथ्वी का अस्तित्व ही नहीं होगा। अतः यह दो अलग-अलग समयों में दो अलग-अलग घटनाओं का वर्णन है।यहोशापात की तराई में ‘‘महिमा का सिंहासन’’ है, जबकि प्रकाशितवाक्य 20 में महान श्वेत सिंहासन है जो अंतरिक्ष में है। अतः इस बात का भी अनुग्रह के इस युग में प्राप्त उद्धार से कोई संबंध नहीं है।अपने उद्धार का कार्य पूरा करो: ;फलि. 2:12विश्वासियों से कहा गया है कि उद्धार का कार्य पूरा करो। स्पष्टतः यह ‘‘उद्धार के लिए कार्य’’ नहीं है बल्कि ‘‘उद्धार का कार्य’’ है। पौलुस यह पत्री ‘‘संतों’’ को लिख रहे हैं पिफलि. 1:1। ‘‘कार्य पूरा करो’’ अर्थात् किसी कार्य को पूरा करना। परमेश्वर हमसे चाहते हैं कि हम भी प्रभु यीशु की समानता में बदल जाएँ। ‘‘क्योंकि जिन्हें उसने पहले से जान लिया है, उन्हें पहले से ठहराया भी है कि उसके पुत्रा के स्वरूप में हों, ताकि वह बहुत भाइयों में पहिलौठा ठहरे।’’ ;रोमियों 8:29। बच्चे जनने के द्वारा उद्धार ;1 तीमु. 2:15द्ध। यहाँ ‘जनने’ का तात्पर्य ‘‘देखभाल’’ से है। स्त्राी के द्वारा एक माता के रूप में विश्वासयोग्यता के साथ अपना उत्तरदायित्व निभाना।झाड़ी और ऊँटकटारे का जलाया जाना: ;इब्रा. 6:1-8 यहाँ पर लेखक एक खेत का उदाहरण देते हैं। यह हमें उस दृष्टांत का स्मरण दिलाता है जो प्रभु यीशु ने बीज बोने वाले के विषय में कहा था,;मत्ती 13:1-9, 18-23 साथ ही पौलुस की वह शिक्षा भी जो उन्होंने हमारे कार्यों की अग्नि परीक्षा के विषय में कहा था। ;1 कुरि 3:6-23।भूमि अपनी योग्यता अपनी उपज के द्वारा प्रकट करती है, और एक सच्चा विश्वासी भी परमेश्वर की महिमा के लिए पफल लाता है। इस बात पर ध्यान दें कि झाड़ी और ऊँटकटारे जलाए जाते हैं, खेत नहीं! परमेश्वर अपनों को कभी नष्ट नहीं करते! एक विश्वासी अनंतकाल के लिए बचाया जाता है। बाइबल का ध्यानपूर्वक अध्ययन से हम जान सकते हैं कि परमेश्वर एक उद्धार प्राप्त व्यक्ति को गिरने से बचाते हैं।

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