Class 8, Lesson 25: दानिय्येल 13

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Lesson Text

‘‘और जो लोग दुष्ट होकर उस वाचा को तोड़ेंगे, उनको वह चिकनी-चुपड़ी बातें कह-कहकर भक्तिहीन कर देगा, परंतु जो लोग अपने परमेश्वर का ज्ञान रखेंगे, वे हियाव बाँधकर बड़े काम करेंगे।’’ ;दानि. 11:32।जब यह अध्याय लिखा गया था, तब पद 1-35 भविष्यद्वाणी थी। परन्तु अब यह इतिहाास बन चुका है क्योंकि वे बातें अक्षरशः पूरी हो चुकी हैं। पद 36-45 में दी गई बातों का अभी पूरा होना बाकी है। यहूदी इतिहासकार जोसीपफस कहते हैं कि 332 ई.पू. में जब सिंकदर यरूशलेम पहुँच रहे थे, तब महायाजक की अगुवाई में एक प्रतिनिध् मंडली ने जाकर उसे दानिय्येल की पुस्तक में से वह भाग दिखाया जो स्वयं उसके विषय में भविष्यद्वाणी थी।स्वर्गदूत ने दानिय्येल को छूकर उसका हियाब बंधया और कहा, ‘‘हे अति प्रिय पुरुष, मत डर, तुझे शांति मिले, तू दृढ़ हो और तेरा हियाब बंध रहे।’’ ;10:19। उन शब्दों को सुनकर दानिय्येल ने शारीरिक और मानसिक रूप से हियाब बांध और उसकी बातें सुनने के लिए तैयार हो गया। स्वर्गदूत ने दानिय्येल को वे बातें बताई जो इस्राएल के साथ जल्दी ही घटने वाली थीं(, जो शीघ्र ही होने वाले थे:दारा नामक मादी राजा के राज्य के पहले वर्ष में दानिय्येल को हियाव दिलाने और बल देने के लिए स्वर्गदूत आया। ;11:1। स्वर्गदूत ने दानिय्येल से कहा, ‘‘फारस के राज्य में अब तीन राजा और उठेंगे, और चौथा राजा उन सभों से ध्नी होगा, और जब वह धन के कारण सामर्थी होगा, तब सब लोगों को यूनान के राज्य के विरु( उभारेगा। उसके बाद एक पराक्रमी राजा उठकर अपना राज्य बहुत बढ़ाएगा। जब वह बड़ा होगा, तब उसका राज्य टूटेगा और चारों दिशाओं में बंटकर अलग-अलग हो जाएगा ;11:4। उसका राज्य उखड़कर और लोगों को प्राप्त होगा। यहाँ जिस पराक्रमी राजा की भविष्यद्वाणी की गई है, वह सिंकदर महान ही था। उसका राज्य बड़ा और महान था। परन्तु 33 वर्ष की आयु में उसकी मृत्यु हो गई और उसका राज्य चार भागों में बँट गया। ;पद 4। इस्राएल के राज्य के संबंध में, मिस्र को दक्षिणी राज्य और सीरिया को उत्तर का राज्य कहा गया है।

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