Class 8, Lesson 21: दानिय्येल 9

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अध्याय 7 से आगे हम भविष्यद्वाणियाँ देखते हैं। अध्याय 6 तक ऐतिहासिक घटनाएँ थीं जब अन्यजाति राजा स्वप्न देखा करते थे और उनका अर्थ बताने के लिए परमेश्वर ने दानिय्येल का उपयोग किया।यहाँ से आगे हम सीखेंगे कि दानिय्येल स्वप्न और दर्शन देखता है और परमेश्वर का दूत उसके अर्थ बताता है। बेलशस्सर के राज्य के पहले वर्ष में ;553 ई.पू. उसने एक स्वप्न देखा। यह बेलशस्सर के भोज और दीवार पर लिखे गए लेख की घटना के चैदह वर्ष पूर्व की बात है। इस अध्याय को दो भागों में बाँटा जा सकता है 1. दानिय्येल का दर्शन पद 1-14. 2. उसका अर्थ पद 15-28. दानिय्येल का दर्शन: दानिय्येल ने स्वप्न देखा कि महासागर पर चारों ओर आँधी चलने लगी। तब समुद्र में से चार बड़े-बड़े जन्तु निकल आए। पहला जन्तु सिंह के समान था और उसके पंख उकाब के से थे। तब उसके पंखों के पर नोचे गए और वह भूमि पर से उठकर मनुष्य के समान पाँवों पर खड़ा हुआ और उसे मनुष्य का सा हृदय दिया गया। पिफर एक और जन्तु आया जो रीछ के समान था। वह एक पाँजर के बल उठा हुआ था और उसके मुँह में दाँतों के बीच तीन पसलियाँ थीं। लोग उससे कह रहे थे, ‘‘उठकर बहुत माँस खा।’’ तब पिफर तीसरा जन्तु आया जो चीते के समान था और उसकी पीठ पर पक्षी के से चार पंख थे और उसके चार सिर थे। और उसे शासन करने अध्किार दिया गया। पिफर चैथा जन्तु आया जो भयानक और डरावना और बहुत सामर्थी था। उसके बड़े-बड़े लोहे के दाँत थे। वह सब कुछ खा डालता और चूर-चूर करता है।उसके दस सींग भी थे। दानिय्येल जब उन सींगों को देख रहा था तो उनके बीच से एक और छोटा सा सींग निकला जिसके कारण पहले सींगों में से तीन सींग उखाड़े गए। उस सींग में मनुष्य की सी आँखें और बड़ा बोल बोलने वाला मुँह भी था। दर्शन का अर्थ: उस दर्शन का अर्थ दानिय्येल को बताया गया कि उन चार बड़े-बड़े जन्तुओं का अर्थ चार राज्य है जो पृथ्वी पर उदय होंगे। परन्तु परमप्रधान के पवित्रा लोग राज्य को पाएँगे और युगानुयुग उसके अध्किारी बने रहेंगे। चैथा जन्तु सबसे अलग और सबसे भयंकर था। उसके दस सींगों का अर्थ है कि उस राज्य में से दस राजा उठेंगे और उनके बाद उन पहिलों से भिन्न एक और राजा उठेगा जो तीन राजाओं को गिरा देगा।वह परमप्रधन के विरु( बातें कहेगा और परमप्रधन के पवित्रा लोगों को पीस डालेगा। परन्तु उसकी प्रभुता छीनकर नष्ट कर दी जाएगी और उसका अन्त हो जाएगा। तब राज्य और प्रभुता परमप्रधन की प्रजा को दी जाएगी। उसका राज्य सदा का राज्य है। सिंहासनों का दर्शन: दानिय्येल ने दर्शन देखा कि सिंहासन रखे गए और कोई अति प्राचीन ;परमेश्वरद्ध विराजमान हुआ। उसका वस्त्रा हिम सा उजला और सिर के बाल निर्मल ऊन सरीखे थे। उसका सिंहासन अग्निमय और उसके पहिए ध्ध्कती हुई आग के से दिखाई पड़ते थे। उस प्राचीन के सम्मुख से आग की धरा निकलकर बह रही थी। पिफर हशारों हशार लोग उसकी सेवा टहल कर रहे थे और लाखों लाख लोग उसके सामने हाजिर थे। पिफर न्यायी बैठ गए और पुस्तकें खोली गईं। उस समय उस सींग का बड़ा बोल सुनकर दानिय्येल देखता रहा और अन्त में देखा कि वह जन्तु घात किया गया और उसका शरीर आग से भस्म किया गया। फिर मनुष्य के सन्तान-सा कोई आकाश के बादलों समेत आ रहा था, और वह उस अति प्राचीन के पास पहुँचा। तब उसको ऐसी प्रभुता, महिमा और राज्य दिया गया और उसकी प्रभुता सदा तक अटल और उसका राज्य अविनाशी ठहरा।

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