Audio | Prayer | Song | Instrumental |
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इस अध्याय के आरंभ में हम देखते हैं कि पृथ्वी पर रहने वाले सभी लोगों को नबूकदनेस्सर का संदेश मिलता है। कोई भी राजा संदेश भेजता है तो वह महत्वपूर्ण बात होती है। इस अध्याय में हम सीखेंगे कि यह पत्रा क्यों महत्वपूर्ण था। विशाल वृक्ष का स्वप्न: नबूकदनेस्सर राजा ने एक और स्वप्न देखा जिसे वह भूला नहीं।उसने देखा कि पृथ्वी के बीचों-बीच एक वृक्ष लगा है, और वह स्वर्ग तक ऊँचा है। उसके पत्ते सुन्दर, और उसमें बहुत पफल थे, यहाँ तक कि उसमें सभों के लिए भोजन था। पिफर एक पवित्रा पहरुआ स्वर्ग से उतर आया। उसने ऊँचे शब्द से पुकारकर कहा, ‘‘वृक्ष को काट डालो, तौभी उसके ठूँठ को जड़ समेत भूमि में छोड़ो और उसको लोहे और पीतल के बन्धन से बाँध्कर मैदान की हरी घास के बीच रहने दो। वह आकाश की ओस से भीगा करे और भूमि की घास खाने में मैदान के पशुओं के संग भागी हो। उसका मन बदले और मनुष्य का न रहे, परन्तु पशु का सा बन जाए और उस पर सात काल बीतें। यह इस कारण हुआ ताकि जो लोग जीवित हैं वे जान लें कि परमप्रधन परमेश्वर मनुष्यों के राज्य में प्रभुता करता है, और उसको जिसे चाहे उसे दे देता है, और वह छोटे से छोटे मनुष्य को भी उस पर नियुक्त कर देता है।’’ ;दानि. 4:14-17। इस स्वप्न से राजा बहुत डर गया अतः वह उसका अर्थ जानना चाहता था। अपने पिछले अनुभवांे के कारण राजा जानता था कि दानिय्येल का परमेश्वर स्वर्ग और पृथ्वी का सर्वाध्किारी प्रभु है। वह यह भी जानता था कि उसके राज्य के जादूगर और ज्ञानी लोग परमेश्वर के द्वारा दिए गए स्वप्न का अर्थ बताने में असमर्थ हैं, पिफर भी उसने बेबीलोन के सब पंडितों को बुलवाया ताकि वे उसके स्वप्न का अर्थ बता सकें। परन्तु हमेशा की तरह वे असपफल रहे। तब दानिय्येल को बुलवाया गया।स्वप्न सुनकर दानिय्येल घबरा गया क्योंकि वह न्याय का एक संदेश था। राजा ने दानिय्येल से कहा, ‘‘हे बेलतशस्सर, इस स्वप्न से, या इसके पफल से तू व्याकुल मत हो।’’ दानिय्येल ने राजा से कहा, ‘‘हे मेरे प्रभु, यह स्वप्न तेरे बैरियों पर, और इसका अर्थ तेरे द्रोहियों पर पफले! जिस वृक्ष को तू ने देखा, जो बड़ा और दृढ़ हो गया, और जिसकी ऊँचाई स्वर्ग तक पहुँची, हे राजा, वह तू ही है। हे राजा, इसका पफल जो परमप्रधन ने ठान लिया है कि राजा पर घटे, वह यह है, कि तू मनुष्यों के बीच से निकाला जाएगा, और मैदान के पशुओं के संग रहेगा। तू बैलों के समान घास चरेगा और आकाश की ओस से भीगा करेगा, और सात युग तुझ पर बीतेंगे, जब तक कि तू न जान ले कि मनुष्यों के राज्य में परमप्रधन की प्रभुता करता है, और जिसे चाहे वह उसे दे देता है। उस वृक्ष के ठूँठ को जड़ समेत छोड़ने की आज्ञा जो हुई है, इसका अर्थ यह है कि तेरा राज्य तेरे लिए बना रहेगा, और जब तू जान लेगा कि जगत का प्रभु स्वर्ग ही में है, तब तू पिफर से राज्य करने पाएगा।इस कारण, हे राजा, मेरी यह सम्मति स्वीकार कर, कि यदि तू पाप छोड़कर ध्र्म करने लगे, और अध्र्म छोड़कर दीन हीनों पर दया करने लगे, तो संभव है कि ऐसा करने से तेरा चैन बना रहे।’’ ;दानि. 4:19-27। स्वप्न पूरा हुआ:इस घटना के पश्चात् बारह महीने बीत गए। राजा बेबीलोन के राजभवन की छत पर टहल रहा था, तब वह कहने लगा, ‘‘क्या यहबड़ा बेबीलोन नहीं है, जिसे मैं ही ने अपने बल और सामथ्र्य से राजनिवास होने को और अपने प्रताप की बड़ाई के लिए बसाया है?’’ यह वचन राजा के मुँह से निकलने भी न पाया था कि आकाशवाणी हुई, ‘‘हे राजा नबूकदनेस्सर, तेरे विषय में यह आज्ञा निकलती है: राज्य तेरे हाथ से निकल गया, और तू मनुष्यों के बीच से निकाला जाएगा,और मैदान के पशुओं के संग रहेगा, और बैलों के समान घास चरेगा, और सात काल तुझ पर बीतेंगे, जब तक कि तू न जान ले किपरमप्रधान, मनुष्यों के राज्य में प्रभुता करता है और जिसे चाहे वह उसे दे देता है।’’ उसी घड़ी यह वचन नबूकदनेस्सर के विषय में पूरा हुआ।वह मनुष्यों में से निकाला गया, और बैलों के सामन घास चरने लगा, और उसकी देह आकाश की ओस में भीगती थी, यहाँ तक कि उसके बाल उकाब पक्षियों के परों से और उसके नाखून चिड़ियों के पंजों के समान बढ़ गए। ;दानि. 4:29-33। सात वर्षों तक नबूकदनेस्सर एक जानवर की तरह रहा परन्तु उसे सुरक्षित रखा गया। उन दिनों के बीतने पर वह परमेश्वर की ओर पिफरा और स्वीकार किया कि परमेश्वर ही परमप्रधन हैं जो सदा जीवित है तब उसका राज्य उसे लौटा दिया गया। ;दानि. 4:36। नबूकदनेस्सर यह जान गया कि दानिय्येल के परमेश्वर को छोड़ कोई और ईश्वर नहीं है। यह बात वह सब लोगों को बताना चाहता था अतः अपना अनुभव बताने के लिए उसने अपने राज्य के भिन्न-भिन्न जाति और भाषा के लोगों को पत्रा लिखा। इस घटना के द्वारा हम भी कुछ पाठ सीख सकते हैं: परमेश्वर परमप्रधन हैं और वह सिंहासन पर विराजमान हैं। वह स्वर्ग की सेना और पृथ्वी के रहनेवालों के बीच अपनी ही इच्छा के अनुसार काम करता है। कोई उसको रोक कर उस से नहीं कह सकता है, ‘‘तू ने यह क्या किया है?’’ यशायाह 42:8 में परमेश्वर कहते हैं ‘‘अपनी महिमा मैं दूसरे को न दूँगा।’’ दानिय्येल और उसके मित्रों के जीवन के द्वारा सीखा हुआ यह पाठ नबूकदनेस्सर भूल गया था।नबूकदनेस्सर बहुत अहंकारी हो गया था। 1 पतरस 5:5-6 कहता है ‘‘परमेश्वर अभिमानियों का विरोध् करता है, परन्तु दीनों पर अनुग्रह करता है। इसलिए परमेश्वर के बलवन्त हाथ के नीचे दीनता से रहो,जिस से वह तुम्हें उचित समय पर बढ़ाए।’’ हर एक व्यक्ति और राष्ट्र के लिए परमेश्वर की एक योजना है।नबूकदनेस्सर को राज्य लौटा देना भी इस्राएल और विश्व के लिए योजना का एक भाग था। नबूकदनेस्सर के जीवन की घटनाओं ने उसे परमेश्वर को समझने में सहायता की। प्रभु यीशु के द्वारा परमेश्वर की संतान बनाए गए हम लोगों को निडर होकर इस बात की गवाही देनी चाहिए
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