Class 8, Lesson 17: दानिय्येल 5

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अध्याय 3 और 6 में हम एक ऐसे परमेश्वर को देखते हैं जो सर्वोच्च न्यायी है। साथ ही, वह अपनी सन्तानों को छुड़ाने वाला भी है। अध्याय 3 में हम देखते हैं कि बेबीलोन परमेश्वर के लोगों का सर्वनाश करना चाहता है और अध्याय 6 में परमेश्वर के दास दानिय्येल को मार डालने का यत्न किया जाता है। परन्तु दोनों ही घटनाओं में परमेश्वर अपने लोगों का छुटकारा करते हैं। इब्रानियों 11 अध्याय में हम उन्हें विश्वास के वीरों की सूची में पाते हैं। ;इब्रा. 11:33-34। इस पुस्तक के आरंभ में हम देखते हैं कि नबूकदनेस्सर ने उनके नाम बदले और बाद में भोजन भी। पिफर उसने प्रयत्न किया कि वे अपने परमेश्वर को भी बदल दें। अपनी बनवाई हुइ बड़ी मूर्ति की आराधना करने की राजा ने उन्हें आज्ञा दी।निश्चित रूप से दानिय्येल उस मूर्ति के समर्पण समारोह में उपस्थित नहीं था। अन्य तीनों युवक शद्रक, मेशक और अबेदनगो को उस समस्या का सामना करना पड़ा और एक निर्णय लेना पड़ा कि जल जाएँ या मूर्ति को दण्डवत् करें। जब बाजे बजाए गए तब उन्होंने निर्णय लिया कि वे मूर्ति को दण्डवत् नहीं करेंगे। वे कुछ दूरी पर उस ध्ध्कते हुए भट्ठे को देख सकते थे। राजा ने उन्हें उस आग से बचने के लिए एक अंतिम अवसर और दिया। उन्होंने परमेश्वर पर भरोसा करते हुए बड़े हिम्मत के साथ राजा को उत्तर दिया, ‘‘हे नबूकदनेस्सर, इस विजय में तुझे उत्तर देने का हमें कुछ प्रयोजन नहीं जान पड़ता। हमारा परमेश्वर, जिसकी हम उपासना करते हैं, वह हम को उस ध्ध्कते हुए भट्ठे की आग से बचाने की शक्ति रखता है, वरन् हे राजा, तेरे हाथ से भी वह हमें छुड़ा सकता है। परन्तु यदि नहीं, तो हे राजा, तुझे मालूम हो, कि हम लोग तेरे देवता की उपासना नहीं करेंगे, और न तेरी खड़ी कराई हुई सोने की मूरत को दण्डवत् करेंगे।’’ ;दानि 3:16-18।तब नबूकदनेस्सर झुंझला गया और उसने आज्ञा दी कि भट्ठे को सात गुणा अध्कि ध्ध्का दिया जाए। तब उन तीनों युवकों को बाँध् कर आग में डाल दिया गया।तुरंत ही वे सेना के बलवान पुरुष उस आग में जल के मर गए जो उन युवकों को आग में डालने ले गए थे। जब राजा ने उस आग में देखा तो अचम्भित रह गया। उसने देखा कि चार पुरुष आग के बीच में खुले हुए टहल रहे हैं और उनको कुछ हानि नहीं पहुँची और उस चैथे पुरुष का स्वरूप ईश्वर के पुत्रा के सदृश है। ;दानि. 3:25। ध्यान देने योग्य बात यह है कि उस आग ने केवल उनके बंध्न जलाए। परमेश्वर का पुत्रा उनके साथ उस भट्ठे में था। आग का भट्ठा उन कष्टों का प्रतीक है जो संसार में रहकर विश्वासियों को सहना पड़ता है। परमेश्वर इस बात की अनुमति तो देते हैं परन्तु वे हमें कभी अकेला नहीं छोड़ते। कष्टों में प्रभु की उपस्थिति और भी वास्तविक हो जाती है। ;यशायाह 43:2, यशायाह 48:10(अय्यूब 23:10 1 कुरि. 10:13। इस घटना ने राजा पर बड़ा प्रभाव डाला। उसने कहा, ‘‘धन्य है शद्रक, मेशक और अबेदनगो का परमेश्वर, जिसने अपना दूत भेजकर अपने इन दासों को इसलिए बचाया, क्योंकि इन्होंने राजा की आज्ञा न मानकर, तुझी पर भरोसा रखा, और यह सोचकर अपना शरीर भी अर्पण किया, कि हम अपने परमेश्वर को छोड़, किसी देवता की उपासना या दण्डवत् न करेंगे। इसलिए अब मैं यह आज्ञा देता हूँ कि देश-देश और जाति-जाति के लोगों में से जो कोई शद्रक, मेशक और अबेदनगो के परमेश्वर की कुछ निन्दा करेगा, वह टुकड़े-टुकड़े किया जाएगा, क्योंकि ऐसा कोई और देवता नहीं जो इस रीति से बचा सके।’’ ;दानि. 3:28-29। परमेश्वर पर विश्वास करने वालों के विषय में इब्रानियों 11:16 कहता है, ‘‘इसीलिए परमेश्वर उनका परमेश्वर कहलाने में उन से नहीं लजाता।’’

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