Class 6, Lesson 9: शरण - नगर

Media

AudioPrayerSongInstrumental

Lesson Text

शरण-नगर देश पर विजय प्राप्त करने के पश्चात प्रभु ने यहोशू से 'शरण-नगर' ठहराने के लिए कहा। इस के सम्बंध में मूसा ने निर्देश दिए गए थे। ये नगर उस व्यक्ति को सुरक्षा देने के लिए थे जिसने किसी व्यक्ति की अनिच्छापूर्वक और अनजाने में हत्या कर दी थी। वह इन शरण-नगरों को भाग सकता था। व्यवस्था के अनुसार, एक हत्यारे को मार डाला जाना था (व्यवस्था19:11,12,20,21)। इस प्रकार के सख्त नियम लोगों को पाप करने से रोकने के लिए थे। फिर भी यदि कोई मनुष्य अनजाने में किसी की हत्या कर बैठता था वह इन शरण-नगरों को भाग सकता था। अनिच्छा से की गई हत्या से क्या तात्पर्य है? मान लें कि कोई व्यक्ति अपने पड़ोसी के साथ लकड़ी काटने जंगल जाता है। और वह कुल्हाड़ी चलाता है और उसक फल निकलकर उसके पड़ोसी को लग जाता है और वह मर जाता है (व्यवस्था. 19:4,5)। यह एक अनजाने में की गई हत्या का उदाहरण है। इस स्थिति में वह हत्यारा शरण के लिए इन शरण-नगरों को भाग सकता था कि लोहू के पलटे से बचे। इस प्रकार एक निर्दोष जीवन को बचाया जा सकता था। इसके लिए छः नगर चुने गए। यह ध्यान देने योग्य है कि इन नगरों को उन नगरों में से चुना गया था जो लेवी के याजकीय गोत्र को दिए गए थे। हत्यारा निकटतम शरण-नगर को भाग सकता था, नगर के प्राचीनों से नगर फाटक पर मिल सकता था और तब तक वहाँ रह सकता था जब तक उसे दण्ड न दिया जाए या जब तक महायाजक की मृत्यु न हो जाए। मसीह हमारा शरण स्थान है जहाँ हम सुरक्षा पा सकते हैं। इन में से तीन नगर यरदन के पश्चिम की ओर थे जबकि अन्य यरदन के पूर्व में। इसका अर्थ था कि ये स्थान उस देश के किसी भी व्यक्ति की निकट पहुँच में थे, जो कि परमेश्वर के प्रबंध को दर्शाता है। जबकि केवल अनजाने में हत्या करने वाला इन नगरों में शरण पा सकता था, एक पापी के लिए मसीह यीशु में शरण तथा उद्धार पाने के लिए कोई शर्त नहीं है। इन शरण नगरों के स्थान रोचक हैं। यरदन के पश्चिम की ओर के नगर 1. गलील में कादेश: जो कि नप्ताली के पहाड़ी प्रदेश में है। इसका अर्थ है "पवित्रता" या "पवित्र स्थान।" यह पवित्र एवं शुद्ध पवित्र उद्धारकर्ता को दर्शाता है (इब्रा. 7:26)। जैसे कि वह पवित्र है, जिन्हें वह बुलाता है उन्हें भी सम्पूर्ण जीवन में पवित्र होना चाहिए (1 पतरस 1:15)। 2. एप्रैम के पहाड़ी प्रदेश में शकेम में: इसका अर्थ है "कांधे" जो बोझ उठाते हैं। मत्ती 11:28 कहता है, "हे सब थके और बोझ सेदबे लोगों, मेरे पास आओ, मैं तुम्हें विश्राम दूँगा।" वह हमारा शरण है जो हमारे सब बोझ उठाता है। 3.यहूदा के पहाड़ी क्षेत्र हेब्रोन इसका अर्थ है, "सहभागिता।" परमेश्वर और मनुष्य के साथ हमारी सहभागिता का आधार मसीह है। सच्ची सहभागिता केवल उसी के द्वारा और उसी में प्राप्त होती हैं (1 यूहन्ना 1:3)। यरदन के पूर्व में शरण-नगर 1. रूबेन के गोत्र के मैदान में जंगल में स्थित बेसेर: इसका अर्थ है, "अपरिजेय गढ़।" भजन 61:3 और 62:6 उद्धारकर्ता के एक 'दृढ़ गढ़' तथा एक 'शरण स्थान' के रूप में चित्रित करते हैं जहाँ पर सदा के लिए शरण एवं सुरक्षा प्राप्त हो सकती है। 2.गाद के गोत्र में गिलाद का रामोत: इसका अर्थ है "साक्षी का स्थान।" प्रभु ने एक सिद्ध उदाहरण रखाः उसके शत्रु तक उसमें कोई त्रुटि नहीं पा सके। स्वर्ग ने साक्षी दी कि वह प्रिय पुत्र था जिससे परमेश्वर प्रसन्न था (लूका 3:22; मत्ती 3:17)। इसी रीति से, जो उसमें हैं उन्हें भी सत्य में जीना चाहिए (1 यूहन्ना 3:19,20) और नैतिक स्तर रखना चाहिए। 3. मनश्शे के गोत्र में बाशान का गोलान: इसका अर्थ है, "सेवा कार्य।" मनुष्य का पुत्र अपनी सेवा-टहल कराने नहीं वरन् सेवा करने आया (मत्ती 20:28; मरकुस 10:45)। रोमियों 6:18 कहता है कि हमें 'धार्मिकता के दास' होना चाहिए। पौलुस अपनी समस्त पत्रियों के आरम्भ में स्वयं को 'मसीह यीशु का दास' कहता है। ऐतिहासिक रूप से, ये शरण-नगर एक निर्दोष व्यक्ति की रक्षा करने के लिए ठहराए गए थे। आत्मिक रीति से ये हमें अद्भुत बातें सिखाते हैं। यह उस प्रबंध को दर्शाते हैं जो परमेश्वर ने हमारे उद्धार के लिए किया है।

Excercies

Song

Not Available