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मसीह के विभिन्न नाम और पदनाम (क्रमागत) यीशु मसीह जगत की ज्योति (यूहन्ना 8:12; 9:5) यीशु ने कहा, "जगत की ज्योति मैं ही हूँ।" हम (1यूहन्ना 1:5) में पढ़ते हैं कि, "परमेश्वर ज्योति है।" क्योंकि परमेश्वर ज्योति है इसलिए मसीह भी ज्योति है। मसीह के देहधारण से भी पहले, वह सच्ची ज्योति प्रत्येक मनुष्य को प्रकाशित करती है इस जगत में आई। जब मसीह इस जगत में आया तो उसने स्पष्ट कहा कि "जगत की ज्योति मैं ही हूँ।" उसमें कोई अंधकार नहीं है। (इफि. 5:9) कहता है कि "ज्योति का फल सब प्रकार की भलाई, धार्मिकता और सत्य है।" मसीह में हमेशा यह देखा गया था। ज्योति स्वयं चमकती है और सबकुछ प्रकट करती है। जहाँ ज्योति है वहाँ अंधकार के लिए कोई स्थान नहीं है। जो मसीह के अनुयायी हैं, वे ज्योति में हैं न कि अंधकार में। संसार को मसीह की ज्योति की आवश्यकता है। परंतु पाप इस धरती पर उस ज्योति को चमकने से रोकता है। जब यह दूर किया जाएगा तो ज्योति चमकेगी। क्योंकि यीशु मसीह ज्योति है, जहाँ कहीं वह जाता है ज्योति फैलती है। हमारे हृदय, घर तथा समाज उसकी उपस्थिति से प्रकाशित होते हैं। वह जगत की ज्योति है। द्वार (यूहन्ना 10:9) एक और नाम जिसे यीशु ने अपने लिए उपयोग किया वह "द्वार" है। "द्वार मैं हूँ" उसने कहा। कई लोगों ने दावा किया है कि उन्हें लोगों को भीतर लेने और बाहर निकालने का अधिकार है। यही वह अधिकार था जिसके द्वारा उस अंधे मनुष्य को समाज से बहिष्कृत किया गया था जिसे यीशु ने चंगा किया था (यूहन्ना 9)। यीशु उन्हें "चोर" कहता है। वे लोगों को धोखा देते थे। यीशु ने कहा कि केवल उसे ही लोगों को परमेश्वर की भेड़शाला मे लाने का अधिकार था। जो लोग उसके द्वारा प्रवेश करते हैं उन्हें ही अपने उद्धार की निश्चयता हो सकती है। वे सदाकाल के लिए सुरक्षित है। जो लोग मसीह के द्वारा प्रवेश करते हैं वे आत्मिक स्वतंत्रता में प्रवेश करते और आत्मिक पोषण करते हैं। मिलापवाले तम्बू का द्वार मसीह के विषय बताता है। उस द्वार का पर्दा रंग-बिरंगा और सुंदर है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि केवल एक ही द्वार था और वह बहुत चैड़ा था। जो द्वार पर खड़े हैं उन्हें भेड़शाला में प्रवेश करने के लिए मात्र एक ही कदम उठाना है। मार्ग सत्य और जीवन (यूहन्ना 14:16) पिछले पाठों में हमने 'मार्ग' और 'सत्य' के विषय में कुछ सीखा था। अब हम यीशु के जीवन होने के पहलू के विषय कुछ देखेंगे। कई लोग जो परमेश्वर की उपस्थिति मे जाना चाहते हैं नहीं पहुँच पाते हैं क्योंकि वे उस सच्चे मार्ग को नहीं पाते हैं जिसके द्वारा वे प्रवेश कर सकें। वे यह नहीं समझते हैं कि केवल एक ही द्वार है, और वे गलत स्थानों पर जाते और निराश होते हैं। "जीवन का द्वार" वास्तव में "जीवन के मार्ग" का आरम्भ है। यह द्वार मसीह है, मार्ग भी मसीह है। मिलापवाले तम्बू के बाहरी आंगन का द्वार उस मार्ग का आरम्भ है और कांसे की वेदी, हौदी, पवित्र स्थान और परम पवित्र स्थान को ले जाता है। जो लोग मसीह के द्वार से प्रवेश करते हैं उन्हें मार्ग पूछने की आवश्यकता नहीं है। वह सही मार्ग पर हैं। यदि कोई मसीह में है तो वह जीवन के मार्ग पर है। वह देखता है कि उसके सामने मार्ग स्पष्ट होता जाता है। मसीह के विषय ज्ञान दिन प्रतिदिन बढ़ता जाता है। जो द्वार से होकर मिलापवाले तम्बू में प्रवेश करता है वह कांसे की वेदी, हौदी तथा पवित्र स्थान में पहुँचता है। पवित्र स्थान में हम भेंट की रोटी, दीपदान तथा धूप की वेदी देखते हैं। भोजन, ज्योति और खुशबू इस स्थान के महत्वपूर्ण गुण हैं। जो लोग पवित्र स्थान में प्रवेश करते हैं वे संगति, आत्मिक प्रकाशन तथा आराधना में भाग लेते हैं। मसीह की मृत्यु के द्वारा हम, उस फटे पर्दे के द्वारा जो कि मसीह की देह है, परम पवित्र स्थान में प्रवेश करते हैं। वहाँ हम मसीह के साथ एक होते और परमेश्वर के तेज़ को पाते हैं।
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